रजा है के दुआओं का असर साथ चले
के मैं जब शहर जाऊँ तो घर साथ चले
मुझे डराने वैसे बहुत से हैं हालात चले
कभी मंजिल चले तो कभी ताल्लुकात चले
सबकी सुनते हो तो मेरी भी सुन लेना
के मैं जब शहर जाऊँ तो घर साथ चले
वीरान गलियां और विराना रस्ता
गुजरा कोई अरसे से नहीं
लग रहा है पुराना रस्ता
इस रस्ते पर डर -डर के मेरे जज़्बात चले
सबकी सुनते हो तो मेरी भी सुन लेना
के मैं जब शहर जाऊँ तो घर साथ चले
छोटा सा कमरा और पूरी गृहस्थी
जरूरत के अलावा न कोई चीज सस्ती
नौकरी में सिफारिश, चापलूसी और जात चले
सबकी सुनते हो तो मेरी भी सुन लेना
के मैं जब शहर जाऊँ तो घर साथ चले
खर्चने पर दोस्त और पैसे से पानी
अजीबोगरीब है शहर की कहानी
आदमी डाल - डाल चले तो
परेशानी पात - पात चले
सबकी सुनते हो तो मेरी भी सुन लेना
के मैं जब शहर जाऊँ तो घर साथ चले
-सिद्धार्थ गोरखपुरी

The Flower of Word by Vedvyas Mishra
The novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra



The Flower of Word by Vedvyas Mishra




