माँ चली गई,
अब दिल की बात कौन सुने,
अब दिल की बातें दिल में ही रहेंगी,
अब ना होंगे नाज़ नखरे,
अब ना होंगी कोई फरमाइशें भी,
अब ना सूकून भरी नींद सो सकूंगी,
अब ना माँ का आँचल होगा,
अब माँ के हाथ से बने स्वादिष्ट पकवानों को,
दिल तरसेगा,
माँ की रसोई अब कभी ना मेहकेगी,
बिन माँ के घर आँगन सूना रहेगा,
माँ कभी नहीं पुकारेगी,
आ मेरी लाडो,
माँ तो चली गई सदा सदा के लिए,
माँ चली गई।
----मंजू आनंद