वतन वतन वतन मेरे
मुझपे तुम्हारा कर्ज़ है
वतन वतन वतन मेरे
तुझपे हमारा फ़र्ज़ है।
लिया जन्म तेरी गोद में
पले यहीं बड़े हुए
चलना सीखा
पैरों पर खड़े हुए।
है तेरा प्यार दुलार
उधार हम पे
अब सारे कर्ज़ चुकाने
की बारी आई है।
देश की रक्षा करने की
अब हमने कसम खाई है।
भारत को विश्व गुरु बनने की
यारों बारी आई है।
कदमों से मिलाकर कदमों को
हम सबको साथ चलना है।
कदमों की धमक से हिल जाए
दुश्मन
ऐसे कदमों को रखना है।
दिखा दें ताक़त साहस हिम्मत अपनी
ऐसी अब अपनी तैयारी है..
विजय तिलक मलने की
अब हमारी बारी है।
विजय तिलक मलने की
अब हमारी बारी है..