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The Flower of WordThe Flower of Word by Vedvyas Mishra

कविता की खुँटी

        

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Dastan-E-Shayra By Reena Kumari PrajapatDastan-E-Shayra By Reena Kumari Prajapat

कविता की खुँटी

                    

गाँव की झाँकी

गाँव की झाँकी

गांव में सजी संवरी अनेकों दुनियां देखी
अजीबों गरीब सा माहौल उसमें ज़िंदगी देखी

मस्त रहे अपने अंदाज़ में ऐसी खुशी देखी
धीरे से वो चली पूरे गांव की सफ़र करते देखी

भले बेबशी हो पर मुस्कुराती हर मैया देखी
हर घर में अनौखी एक चिंगारी छिपी देखी

व्यस्त और प्रगति, स्वच्छता की आंधी देखी
जहां जाएं आदर भाव की पावन गलियाँ देखी

बहता सागर जिसमें सिर्फ मिठास ही देखी
काम की दुकान, परिश्रम भरी प्यास ही देखी

तलासे सपना तो हरियाली पावन भोम देखी
बरखा रानी भी यहां महेरबान रहती देखी

तो....... धूप तो बाप रे परेशानी देती देखी
शर्दियां निराली, वो तो सब की पसंद सी देखी

गांव की रीत-भात में महक निःस्वार्थता भरी देखी
गांव में सजी संवरी अनेकों दुनियां देखी




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रचना के बारे में पाठकों की समीक्षाएं (4)

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लिखन्तु - ऑफिसियल said

Bahut sundar prastuti,, uttam rachna Pranam sweekar karein

स्नेह धारा replied

धन्यवाद

अशोक कुमार पचौरी 'आर्द्र' said

Bahut sundar prastuti,uttam rachna pranam sweekar karein🙏🙏

स्नेह धारा replied

धन्यवाद

Bhushan Saahu said

Apna gaaon yad aa gya...bahut sundar prastuti

स्नेह धारा replied

धन्यवाद

Uma Shri said

Bahut hi sundar jhanki, uttam rachna

स्नेह धारा replied

धन्यवाद

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