कविता - हम क्यों पैदा होते हैं ?
हम लोग सारे
आज हैं यहां
बहुत पहले
हम थे कहां ?
इस पर सोचा सोचा
कुछ भी सोच न पाया
दिमाग में जोर लगाया
कुछ भी नहीं आया
हम लोग यहां
क्यों पैदा होते हैं ?
फिर हम क्यों
हंसते क्यों रोते हैं ?
जीवन भर कभी इधर
कभी उधर करते हैं
बाद में जा कर
हम क्यों मरते हैं ?
ये कैसा रास्ता
ये कैसा सफर है ?
न आने का पता
न मरने की खबर है
न आने का पता
न मरने की खबर है.......