तिनका तिनका जुड़ता,
तब एक घरोंदा बनता है,
इस एक घरोंदा बनने में,
यूँ सारा जीवन लगता है
नादान परिंदे क्या जाने,
जीवन की इस कठिनाई को
नासमझी में लड़ते हैं,
और तिनका तिनका गिरता है
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तिनका तिनका जुड़ता,
तब एक घरोंदा बनता है,
इस एक घरोंदा बनने में,
यूँ सारा जीवन लगता है
नादान परिंदे क्या जाने,
जीवन की इस कठिनाई को
नासमझी में लड़ते हैं,
और तिनका तिनका गिरता है