उम्र क्यों बढ़ती है
कहाँ निकल आए हम
कितनी दूर तक आ गए
उलझते रहे अपनी राहों में
उम्र गुज़रती चली गई
हवा के बहाव में बहती चली गई
एहसास आज हुआ
कितना कुछ पीछे छोड़ आए हम
जब एक बच्चे को तीर कमान,हनुमान जी की गदा और तलवार लेते देखा
उस पल दिल ने कहा
काश!उम्र बचपन में ही रुक जाया करती..
वन्दना सूद
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