हे बहुत समय हो गया है ll
तुमसे बात किये हुए ll
कैसी हो तुम ll
तुम तो भूल गई मुझे,
पर मैं नहीं भूल पाया तुम्हे ll
आज भी मै तुम्हे याद करता हूं ll
पर्स में राखी तस्वीर तुम्हारी रोज देखा करता हूं ll
पता है तुम मुझसे बात नहीं करोगी ll
तुम तो आराम से सो जाती हो,
पर तुम्हारी यादों में आज भी ,
मै देर रात तक जगता हूं ll
आज भी पुरानी चैट पढ़ के रो देता हूं ll
अपनी मां के लिए गुलाब सी बन गई तुम ll
और मैं काटो के जैसे हो गया ll
खुश हो न तुम मुझे खो कर ll
मैने डिलीट नहीं की तुम्हारी साथ वाली फोटो ll
आज भी उसे मैफुस से रखा हूं पास अपने ll
मै चल जाऊंगा तेरी दुनिया से दूर ll
तुम खुश हो जाना सोच के कोई था ll
जो सिर्फ तेरे ही बन के मार गया ll
करोड़ों के भीड़ में बस तेरा होके ll
इस दुनिया से चला गया / मार गया ll
कभी जो आये याद मेरा ll
तो मेरा वफ़ा और अपनी बेवफाई याद करना ll
क्या खता हो गई थी मेरी इश्क में ll
ये सवाल अपनी मां से करना ll
मुझे दोस्त कहने वाली अपनी बहन को ll
मेरे तरफ से धोखेबाज / गद्दार कहना ll
अगर साथ न देना हो तो किसी से वादा मत करना ll
कभी मौका मिले तो मुझे भी याद कर लेना ll
कुछ और कविताएं लिखा हूं मै तेरे लिए ll
जाके गूगल पर शिवम् जी सहाय सर्च कर लेना ll
मेरा लिखा हुआ हर रचनाएँ के शब्दों को बारी बारीकियों से पढ़ना ll
अगर फिर भी तुम्हे लगे कि मैने की है तुमसे बेवफाई ll
तो अपनी हाथों से मुझे जहर पिला देना ll
आज भी मै अपने वादे को निभा रहा हूं ll
तेरे सिवा किसी को अपनी जिंदगी में नहीं ला रहा हूँ ll
तेरा ही बन के रह जाऊंगा ll
तेरा ही बन के मार जाऊंगा ll
खता जो हो गई हो हमसे तो मुझे माफ करना ll
अपनी मोहब्बत और मेरा इश्क का हिसाब करना ll
मिले जो तुम्हे समय तो मुझसे भी थोड़ा बात करना ll
तुम्हारी आवाज का गाना आज भी मेरे पास है ll
तुम्हारी ही वॉयस मेरा फोन का रिंगटोन है ll
यकीन ना हो मेरा इश्क पर तो एक काम करना ll
गूगल पर लिखी मेरा रचनाएँ में अपना जिक्र पढ़ना ll
उसमे नाम होगा तुम्हारा ये अच्छा से देखना ll
मेरे फोन का पासवर्ड में भी तेरा ही नाम मिलेगा ll
यकीन न हो मेरे वफ़ा होने पर तो एक काम करना ll
बेवफा का नाम देके मुझे ll
अपनी ही हाथों से मेरा कत्ल सारेआम कर देना ll
धोखेबाज न होके भी जिसे धोखेबाज का खिताब मिला हो ll
अपने हाथों से जहर उसको इनाम में दे देना ll
लेखक
शिवम् जी सहाय