सुमन को एक ही सपना था कि वह अपने मां बाप के लिए और पैसा जमा कर बहुत खुशी रखना चाहते थे ।सुमन ने एक बार अपने साथियों से बेट्टिंग के बारे में सुन लिया ।सुमन बहुत उत्सुक से पता लगा दिया । सुमन के साथियों ने बहुत मनाया पर वह न माना ।
बेट्टिंग खेलने की तैयार हो गये वह भी ऑनलाइन में है। पहली बार जितना रखा है उतना से दुगना पैसा आने से गंभीर से खेलने लगा ।मां-बाप और घर चलाने के बात न सोच कर बेट्टिंग खेल में लग गए । बहुत धन कमाया पर और कुछ कमाना चाहता था । उसी के लिए 10 लाख कर्ज कर दिया । पेश छोड़कर दिन रात बेट्टिंग में डूब गए ।
अंत में क्या हुआ कि सुमन ने सब कुछ गवा दिया । खाली हाथ से लौटना पड़ा । उसके खून सफेद हो गया ।सुमन के मन में बहुत प्रश्न चारों ओर से घेर लिया कि मैं 30 लाख कैसे चुकाऊं ?
और कहाँ से लाता ?यह सब सोच कर उसके दिल बैठ गया ।अगर कर्ज ना चुकाये तो मुझे वो लोग मारेंगे । सोचते - सोचते रात हो गए ।
उससे भोजन सह नहीं रहा । सोचते सोचते उसका दिमाग तोड़फोड़ होना लगा । सुमन को झटसे अपने मां-बाप याद आई ।लेट कर सुमन न जाने नींद में डूब गया ।सुमन के फोन अचानक बज गई ।उसे आवाज सुनकर बहुत डरने लगा कि शायद किसी ने पैसे चुकाने की बात के बारे में फोन किया होगा ।
ऐसे समझ कर फोन बंद कर दिया ।लेकिन फिर फोन बजने लगी ।सुमन ने फोन देखे बिना फोन लिया था ।बिना सोचे समझे फोन में कुछ का कुछ बात करने लगा ।आखिर वह फोन किसका है कि उसके बाप रामाराव का है।

The Flower of Word by Vedvyas Mishra
The novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra



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