विचारों में तेरे जो मौलिकता न होगी
उद्देश्य रहित तेरी सफलता न होगी
अर्थ मनुष्यता का समझ न सकोगे
हृदय में तेरे जो आत्मीयता न होगी
श्वासों के मूल्य की क़ीमत न होगी
जीवन में तेरे जो कठिनता न होगी
अपूर्णता में कभी सम्पूर्णता न होगी
प्रयासों में तेरे जो व्याकुलता न होगी
डाॅ फ़ौज़िया नसीम शाद