चिंतन क्यारी…
नैनो को अच्छाई चाहिएँ
ए कैसा नज़रियाँ जिसे प्रमाण चाहिएँ
फिर सवाल ए होता है
जिनकी आँखें नहीं उसे फिर क्या चाहिएँ
सोच समझ बोली का उदगार चाहिएँ
नफ़रतों का विनाश चाहिएँ
फिर सवाल ए होता है
मानवता महक कैसे फ़ैलानी चाहिएँ
सब कुछ मिले फिर शांति चाहिएँ
संतोष रूपी फ़ल का होना चाहिएँ
फिर सवाल ए होता है
आरजू को कौन से पिटारे में बँध करना चाहिएँ
निर्धन को आख़िर क्या चाहिएँ
सिर्फ़ दो वक़्त की रोटी और मुकाम चाहिएँ
फिर सवाल ए होता है
कौन करेगा सम्मान जो उन्हें चाहिएँ
स्नेहधारा लिख समाज को दर्पण चाहिएँ
जगमें "साहित्य" की "सुवास" चाहिएँ
फिर जवाब ए है........
लिखने वालों का उद्देश्य 'सार्थक' होना चाहिएँ