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The Flower of WordThe Flower of Word by Vedvyas Mishra The Flower of WordThe novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra

कविता की खुँटी

        

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The Flower of Word by Vedvyas MishraThe Flower of Word by Vedvyas Mishra
Dastan-E-Shayara By Reena Kumari Prajapat

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The novel 'Nevla' (The Mongoose), written by Vedvyas Mishra, presents a fierce character—Mangus Mama (Uncle Mongoose)—to highlight that the root cause of crime lies in the lack of willpower to properly uphold moral, judicial, and political systems...The novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra

कविता की खुँटी

                    

कविता : अपना बखत न आया....

कविता - अपना बखत न आया....
सोचा बच्चे छोटे हैं इन्हें
लिखाएंगे पढ़ाएंगे
बाद में वे बढ़े हो कर ढंग की
नोकरी लग जाएंगे

तब हमारा बख्त आएगा
मगर आया नहीं
घूमना फिरना हमने
तब भी पाया नहीं

फिर सोचा चलो बच्चों की होगी
शादी उनके बच्चे होंगे
फिर जा कर मस्त से
घूमेंगे और फिरेंगे

तब हमारा बख्त आएगा
मगर आया नहीं
घूमना फिरना हमने
तब भी पाया नहीं

फिर सोचा बच्चों के
बच्चे लिखेंगे पढ़ेंगे
भविष्य में जा कर
वे आगे को बढ़ेंगे

तब हमारा बख्त आएगा
मगर आया नहीं
घूमना फिरना हमने
तब भी पाया नहीं

बच्चे और उनके बच्चों का
भविष्य बनाते बनाते
उन सभी को देख
आगे बढ़ाते बढ़ाते

सारा जवानी सारा
उम्र गुजर गया
अपना बख्त तो
कभी भी नहीं आया
अपना बख्त तो
कभी भी नहीं आया.......




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रचना के बारे में पाठकों की समीक्षाएं (4)

+

अशोक कुमार पचौरी 'आर्द्र' said

बहुत खूबसूरत कविता महोदय प्रणाम स्वीकार करें

नेत्र प्रसाद गौतम replied

सादर नमस्कार अशोक कुमार पचौरी जी आप मेरी कविताएं की प्रशंसा करते रहते हैं इस कविता को भी प्रशंसा करके मेरा हौसला काफी बढ़ाया है आप का मैं बहुत बहुत आभारी हूं।

Yachana Agrwal🙈🙉🙊 said

Satya vachan. Mata pita sirf isi kam ke rah jate hain ki bcho ke liye sab kro. Pr jab bacho ka mauka aata ha bo bahut dur ja chuke hote hain. Tan se bhi man se bhi.

नेत्र प्रसाद गौतम replied

नमस्कार याचना अग्रवाल जी आप की इतनी अच्छी प्रशंसा ही मेरे लिए बहुत मायने रखती है आप का बहुत बहुत धन्यवाद।

वन्दना सूद said

बहुत ही सही लिखा आपने 🙌🏻🙌🏻अपना वक़्त कभी आता ही नहीं सोच ही बन कर रह जाता है सब

नेत्र प्रसाद गौतम replied

नमस्कार वंदना सूद जी आप की प्रशंसा ही मुझ को हौसला प्रदान करती है आप को बहुत बहुत धन्यवाद।

रीना कुमारी प्रजापत said

Bahut sundar likha sir ji, sacchai yahi hai..

नेत्र प्रसाद गौतम replied

सादर नमस्कार रीना कुमारी जी आप ने मेरी ज्यादातर रचाना का प्रशंसा करती रहती हैं इसके लिए मैं आप का बहुत बहुत आभारी हूं आप को बहुत बहुत धन्यवाद।

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