आज आई देवशयनी एकादशी ।
कल की भोर से है व्रत भी । 1
चीर निद्रा विष्णु भगवान सोएंगे ।
चार मास फिर बाद जागेंगे । 2
ये कहलाती पद्मनाभा एकादशी ।
क्षीरसागर में सो जाते विष्णु जी । 3
वो कहलाती एकादशी प्रबोधिनी ।
जगते देव शुभ कारज संयोगिनी । 4
आषाढ़ मास पर्यंत कार्तिक ।
सनातनी घर-घर में धार्मिक । 5
वेदपठन का यह समय उत्तम ।
हृदय वास करते पुरूषोत्तम । 6
चतुर्मास का दुर्लभ विवरण ।
फंद चौरासी काटे भजन-सुमिरन । 7
_______मनीषा सिंह