कापीराइट गीत
राखी के दिन बैठा हूं, होकर उदास अपने घर में
होती अगर बहना मेरी, होती खुशियां मेरे घर में
राखी के दिन हाथ में मेरे राखी सजी नहीं कोई
मैं किससे बंधवाऊं राखी, बहना नहीं मेरी कोई
बिन बहना के सूना है ये संसार मेरा मेरे घर में
होती अगर बहना - -------------
बंधवा कर राखी बहना से, खुश हैं सबके भाई
न जाने कैसी इस दिल पर ये आज उदासी छाई
सूनी अपनी देख कलाई, मैं खोया आज अधर में
होती अगर बहना - -----------------
काश मुझे भी दे देते एक छोटी सी बहना मुझको
न रहती सूनी मेरी कलाई, बांधती वो राखी मुझको
खुश हो जाता दिल मेरा न रहता कभी फिकर में
होती अगर बहना - ----------------
- लेखराम यादव
( मौलिक रचना )
सर्वाधिकार अधीन है

The Flower of Word by Vedvyas Mishra
The novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra



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