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The Flower of WordThe Flower of Word by Vedvyas Mishra The Flower of WordThe novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra

कविता की खुँटी

        

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The Flower of Word by Vedvyas MishraThe Flower of Word by Vedvyas Mishra
Dastan-E-Shayara By Reena Kumari Prajapat

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The novel 'Nevla' (The Mongoose), written by Vedvyas Mishra, presents a fierce character—Mangus Mama (Uncle Mongoose)—to highlight that the root cause of crime lies in the lack of willpower to properly uphold moral, judicial, and political systems...The novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra

कविता की खुँटी

                    

ग्रन्थों की वाणी

ग्रन्थों की वाणी
अपने कर्म को हर पल परखना
अच्छाई और बुराई कैसा किया कर्म
हर क्षण तुम्हें है जानना
कसौटी एक ही है ऐसी
कि मर जाऊँ अगर इसी पल
तो किस गिनती में आएगा यह कर्म
हो जाए यदि कोई भूल
तो तत्काल सुधार लेना
कल का सोच कर मूर्खता नहीं करना
समय कभी कभी कल का समय नहीं देता
यही ग्रन्थों की वाणी है ..
-वन्दना सूद


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रचना के बारे में पाठकों की समीक्षाएं (2)

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अमित श्रीवास्तव said

एक दिन हमारे कर्मों का हिसाब जरूर होगा इसलिए अपने कर्मों को बहुत अच्छा रखें और हमारे पास सिर्फ आज है बिल्कुल सही कहा आपने

वन्दना सूद replied

जी sir,हम सब आज को छोड़ कर कल में जीते हैं चाहे वह बीता हुआ हो या फिर आने वाला

अशोक कुमार पचौरी 'आर्द्र' said

Sundar likha aapne hamesha ki tarah itna sundar ki man karta hai apna main vrat Tod lu ...par vrat to vrat hai Tod nahi sakta...Maun Vrat se hatkar vaastav me ek sundar prayas aapka insaan ko samjhane bujhane ka or neki karne ke liye

वन्दना सूद replied

नहीं भैया जी मेरा कोई प्रयास नहीं है ये तो ग्रन्थों की बात है जो पढ़ा समझा अपने साथ साथ अपनों में भी बाँट दिया 😊

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