प्रश्न उठा जब विगत दिन श्रीमद्भागवत कथान्तर्गत माँ भगवती शारदा कन्या देवी सुदामापुर सतना मध्य प्रदेश के दरबार में बाल लड्डू गोपाल की मूर्ति की कुछ लीला सामने आई
आम तौर पर देखा जाता है, हमारी संस्कृति में भगवान लड्डू गोपाल को प्राणवान मान कर उनकी पूजा और अर्चना की जाति है और आए दिन ऐसी खबरें प्रकाश में आती रहती हैं ,जब भक्तो द्वारा कभी उनका स्वास्थ्य जांच कराया जाता है तो कभी उनके दूध या जल पान की घटनाये सामने आती है इसी में एक वीडीओ सतना सुदामापुर के मां भगवती के दरबार में चल रही भागवत कथा के दौरान सामने आई जब भगवान गोवर्धन नाथ को भोग लगाने के बाद भक्तन ने ठाकुर जी को जल पान कराया तो लड्डू गोपाल की मूर्ति लगभग दो ग्लास जल पान कर गई .
वैज्ञानिक तथ्यो कि माने तो -यह सतह तनाव की घटना के कारण होता है, जिससे द्रव अपने सतह क्षेत्र को कम करने की कोशिश करता है ।
यदि एक चम्मच में दूध या पानी भरकर किसी मूर्ति या वास्तव में किसी भी मूर्ति के मुंह में ले जाया जाता है, तो यह स्वाभाविक है कि मूर्ति का ऊपरी होंठ सतह को छूएगा।
परंतु भक्त तो कोमल ह्दय होते हैं अपने ठाकुर जी की लीला को देख कर खुद को रोक नहीं पाये और दर्शन व जल पान के लिए भाव विभोर होकर जुट गए l
आचार्य कृष्ण चैतन्य जी महाराज
[श्रद्धालु मंडली]

The Flower of Word by Vedvyas Mishra
The novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra



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