हृदय में अनकहे ज़ज्बात तूफान बन कर आते।
याद जब जब तुम्हारी आती नयन छलक जाते।।
कितनी बेचैन हूँ तुम क्या समझोगे मेरी फितरत।
आँखें बन्द कर लेती फिर भी नथुने महक जाते।।
तुम न बच पाओगे जरा सामने आकर तो देखो।
निगाह की परिधि में सुलगते शोले भड़क जाते।।
मुखर है मौन मेरा पर भाव काबू में नही 'उपदेश'।
आईने में देखते ही अनजाने में नैन मटक जाते।।
- उपदेश कुमार शाक्यावार 'उपदेश'
गाजियाबाद

The Flower of Word by Vedvyas Mishra
The novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra



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