अब इतना क्या सोचना
अब इतना क्या सोचना, जब करना है सब काम।
अब इतना भी क्या बोलना, जब रहना तेरे साथ..।।
अब क्या मरना, जब जीना है साथ- साथ तेरे।
अब शक भी क्या करना, जब वो है पास मेरे.।।
अब दूसरे को क्या देखना, जब खुद हैं हम।
यहां रहकर क्या करना, अब उड़ना आसमां में है।।
अब बेतुकी की बातों का क्या करना जनाब।
जब सार्थक बातें हो अपने साथ में......।।
- सुप्रिया साहू