तुम्हें देखकर देखते रहते ये दिल कह रहा था,
दौड़कर तुम्हारे गले लग जाते ये दिल कह रहा था।
पर तुमने तो सारे रिश्ते नाते ही तोड़ दिए थे,
वरना हम वहीं रुक जाते ये दिल कह रहा था।
तुम फिर पहले जैसे बन जाओगे ये दिल कह रहा था,
फ़िक्र पहले सी मेरी तुम्हें फिर होगी ये दिल कह रहा था।
इस तरह हमसे दूर गए क्यों तुम अचानक,
एक दिन वजह उसकी ज़रूर बताओगे ये दिल कह रहा था।
पूछे आपसे नाराज़गी क्या है ये दिल कह रहा था,
अब आपकी चुप्पी तोड़ दे ये दिल कह रहा था।
पर डरते थे फिर से अपनी रुसवाई से,
वरना इस बार सारे गिले शिकवे मिटा देते ये दिल कह रहा था।
💐 रीना कुमारी प्रजापत 💐
सर्वाधिकार अधीन है

The Flower of Word by Vedvyas Mishra
The novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra



The Flower of Word by Vedvyas Mishra




