एक खुदा मेरा भी है मगर मेरी कैद में नहीं
बहार आ मज़ा है यहाँ जो तेरी कैद में नहीं
वही अपने से मिला है जो निकला अपनी तलाश में
खिलेगा तेरा भी गुलशन मगर तेरी कैद में नहीं
दिवारों को तोड़ कर देख रंग बहारों के बेहिसाब
तेरे अंधेरों का कोई चिराग तेरी कैद में नहीं
यकीन कर मेरा छोड़ दे रास्ते दुनियां के जानिब
सच बिखरा है हर जानिब बस तेरी कैद में नहीं
कैदों का बासिन्दा बिना कैद तेरा वज़ूद नहीं
हवाओं से जीना सिख समंदर तेरी कैद में नहीं