वो घर-आँगन..बचपन का सावन,
न जाने कहाँ पीछे रह गया !!
वो बहना से झगड़ा..वो रक्षाबंधन,
न जाने कहाँ पीछे छूट गया !!
इतने सारे समझौते ज़िन्दगी में,
करने पड़ेंगे ये मालूम ही नहीं था !!
वो अम्माँ की डाँटें ..वो बचपन का झूला,
न जाने किधर गया !!
लगता है अब तो फिलम ज़िन्दगी का ,
इंटरवल से बहुत आगे निकल गया !!
वो बिन्दास मस्ती ..संगीता के नखरे,
वो फिर से मनाना....न जाने कहाँ गया !!
- वेदव्यास मिश्र की सुनहरी यादों के झरोखों से..
सर्वाधिकार अधीन है

The Flower of Word by Vedvyas Mishra
The novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra



The Flower of Word by Vedvyas Mishra




