गली के एक घर में सुन पैसे धन था,
आदमी वहाँ नहीं था दरबाजा बन्द था।।
ये खबर चाेर ने उसी बखत पाई,
वहाँ चाेरी करने की याेजना बनाई।।
आधी रात काे उसने मुखड़ा ओढ़ कर,
घर के भीतर घुसा दरबाजा तोड़ कर।।
ये ऐसी भनक पड़ोसी ने पाया,
फाेन कर पुलिस काे उस ने वहाँ बुलाया।।
जल्दी जल्दी पुलिस गाड़ी में आई ,
घर भीतर जा कर नजर लगाई।।
सुन पैसे गहनें चाेर चाेरी कर रहा,
अपने थैली में फटा फट भर रहा।।
ये माजरा देख कर पुलिस ने उसे डांटा,
मारा फिर उसकाे तीन चार चांटा।।
वह चाेर वहाँ पर लाल पीला हाेने लगा,
बेचारा करता क्या सुबक सुबक राेने लगा।।
पुलिस ने फिर उसे हथकड़ी लगाई,
गाड़ी में रख कर थाने पर पहूंचाई।।
गाड़ी में रख कर थाने पर पहूंचाई.......
----नेत्र प्रसाद गौतम