मुस्कराने से गम न उभरें कर जतन।
समय पर तुमने भरा नही खालीपन।।
पेड़ के पत्तों पर अटकी ओस की बूँद।
यह समझेगा कौन कैसे मिटेगी थकन।।
उसकी चेतना किसी बंजर भूमि पर।
पुष्प में पराग रोप रहा होगा ये चमन।।
पृथ्वी की सतह पर जलधारा का मर्मर।
अदृष्य पहाड़ी दर्रों में व्याकुल खनन।।
किसी प्राचीन मंदिर के बंद गर्भगृह में।
ज्योति प्रज्वलित करने को करे मनन।।
अब खोलो तुम अपने कपाट 'उपदेश'।
और कर लो अभिसार का आचमन।।
- उपदेश कुमार शाक्यावार 'उपदेश'
गाजियाबाद


The Flower of Word by Vedvyas Mishra
The novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra
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