यों दिखा मेरा यार देर तक सोया नही।
गुलाबी खुमार झाँके उसको धोया नही।।
नींद का गुबार और उबासी का आना।
प्यार की थकान ने मोहब्बत खोया नही।।
भोग के अनुभव से त्याग समझ पाया।
अंधकार आया गया प्रकाश खोया नही।।
जीवन द्वंद है निकटता से भ्रम टूट जाता।
भ्रम बनाए रखा 'उपदेश' स्वप्न खोया नही।।
- उपदेश कुमार शाक्यावार 'उपदेश'
गाजियाबाद