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The Flower of WordThe Flower of Word by Vedvyas Mishra The Flower of WordThe novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra

कविता की खुँटी

        

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The Flower of Word by Vedvyas MishraThe Flower of Word by Vedvyas Mishra
Dastan-E-Shayara By Reena Kumari Prajapat

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The novel 'Nevla' (The Mongoose), written by Vedvyas Mishra, presents a fierce character—Mangus Mama (Uncle Mongoose)—to highlight that the root cause of crime lies in the lack of willpower to properly uphold moral, judicial, and political systems...The novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra

कविता की खुँटी

                    

आज मेरा दोस्त मुझे

आज मेरा दोस्त मुझे अलविदा कह रहा है,
आज वो मुझसे हमेशा के लिए दूर हो रहा है।
बड़े प्यार से लाई थी मैं उसे अपने घर में,
आज जब वो जा रहा है तो बड़ा दुःख हो रहा है।

हमारे घर आने वाले हर मेहमाॅं, हर इंसा के
ख़ुश - आमदीद में खड़ा रहता था वो,
उनके ख़ुश - आमदीद में चौखट पर अपनी जान
बिछा देता था वो।
मेरे इस दोस्त को देख मेरे घर आने वाला
हर मेहमाॅं, मेरे घर के सामने से गुज़रने वाला
हर इंसा बहुत खुश होता था,
आज जब वो जा रहा है तो पूछ रहे हैं ये सब लोग
कि क्यों जा रहा है वो ?

जैसे मुझसे इस घर की रौनक थी,
वैसे ही मेरे इस दोस्त से इस घर की सुंदरता थी।
वैसे उसका जाना भी वाज़िब था अब,
क्योंकि जो उसे इस घर लेकर आई थी अब
वो भी तो इस घर से जाने वाली थी।
💐 रीना कुमारी प्रजापत 💐












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रचना के बारे में पाठकों की समीक्षाएं (7)

+

Lekhram Yadav said

बहुत ही सुंदर रचना मैं इतनी सुन्दर व्याख्या से अभिभूत हूं। आपको मेरा सादर प्रणाम।

रीना कुमारी प्रजापत replied

प्रणाम 🙏 बहुत बहुत आभार आपका

रमेश चंद्र said

Bahut sundar rachna. Us dost ka nam kya ha kon ha bo.

रीना कुमारी प्रजापत replied

शुक्रिया सर जी, वो कोई इंसान नहीं है पर वो मुझे बहुत प्यारा था, वो एक पौधा था और मेरे उस पौधे दोस्त का नाम था bogenviliya. , बोगेनविलीया का पौधा था वो जो की हमारे घर के गेट पर लगा हुआ था हमारे घर की चौखट पर ढेरों फूल बरसाता था।

Bhushan Saahu said

Ye aapke dil ke bahut karib ha shayad. Pr uske bare m jo aapne btaya ati sundar bhav ha .🙏🙏

रीना कुमारी प्रजापत replied

बिल्कुल सही कहा अपने भूषण साहू जी ये दोस्त बोगेनविलीया पौधा मेरे दिल के बहुत करीब था,सभी पौधे मेरी जान है ये समझो आप। हमे पौधों से बहुत प्यार है आपने वाकई मेरी रचना को सही समझा बहुत बहुत शुक्रिया आपका

Shakshi said

Sun kar achaa laga ki aap nature lover hai. Mujhe bhi podhe bahut pasand hai. 😊😊 aapki rachna ka ek ek labj dil chu rha ha.

रीना कुमारी प्रजापत replied

तह ए दिल से बहुत बहुत शुक्रिया आपका

अशोक कुमार पचौरी 'आर्द्र' said

Bahut sundar prastuti Mam, incredible...koi nahi man kharab na karein dusra paudha rope lijiyega, usase dosti kar lijiyega. But aapne jis tarah explain Kiya h ek paudhe se dosti ka kabile tareef h...

रीना कुमारी प्रजापत replied

बहुत बहुत आभार आपका 🙏और भी पौधे दोस्त है मेरे जैसे कि- अपराजिता, रात रानी, गुलाब, कैर, एलोवेरा, जरबेरा, मनी प्लांट, और तीन चार और ऐसे है जिनका मुझे नाम याद नहीं और अनार का पेड़, मीठे नीम का पेड़, और कड़वे नीम का पेड़। ये सब मेरा परिवार है और देखिए ना कि आज जस्ट अभी मैं इधर रचना पब्लिश करने लग गई और उधर मेरा एक और दोस्त कड़वा नीम खत्म हो गया। गुस्से के साथ साथ रोना आ रहा है सच्ची में। इसके अलावा मैं कर भी क्या सकती हूं.....

कमलकांत घिरी said

वाह दीदी जी बेहतरीन व्याख्या 👌👏🙏

रीना कुमारी प्रजापत replied

Thanks bhai

Sanjay Srivastva said

वाह, गमगीन बयान दोस्त के नाम , उत्कृष्ट रचना 👌

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