सच बोलो तो सवाल करते हैं
मुंह खोलो तो बवाल करते हैं।
झूठ अपना छिपाने की खातिर
लोगबाग कैसा धमाल करते हैं।
अपने रूप रंग महकी खुशबू से
गुल हवाओं को निहाल करते हैं।
दास काबिल अगर होते हैं बच्चे
खूब घर का रोशन नाम करते हैं I
सब कुछ बना देंगे रोटी छोड़ के
जादूगर कितना कमाल करते हैं!!

The Flower of Word by Vedvyas Mishra
The novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra



The Flower of Word by Vedvyas Mishra




