कोई-कोई आता है ज़िंदगी में
इतने ‘cool’ बनकर,
कि तुम्हें अपनी गर्म साँसें भी
बदतमीज़ लगने लगती हैं।
तुम आए थे —
जैसे कोई Netflix का ‘dark, mysterious, unavailable’ character,
जिससे सब लड़कियाँ प्रभावित होती हैं —
और कुछ…
पछताती भी।
तुम्हारे आने के बाद
मैंने lipstick लगाना कम किया,
और silence पहनना शुरू किया —
क्योंकि तुम्हें loud girls पसंद नहीं थीं,
सिर्फ़… manageable दुख।
मैं cool थी —
अपनी शर्तों पर हँसती, लड़ती, लिखती।
पर तुम्हारी ‘vibe’ में
मैंने अपनी आवाज़ म्यूट कर दी।
तुम्हारी कहानी में
मुझे ‘soft-spoken’, ‘understanding’,
और ‘low-maintenance’ बनना था —
ताकि तुम्हारा ego
कमज़ोरी समझ कर मुझे trophy बना सके।
अब जब तुम चले गए हो —
मैं फिर से loud हूँ,
थोड़ी obnoxious,
थोड़ी ज़्यादा ख़ुद के क़रीब।
अब लोग कहते हैं —
“तुम पहले जैसी नहीं रही।”
और मैं हँसकर कहती हूँ —
“थैंक गॉड।”
तुम्हारे बाद,
मैं cool तो नहीं रही —
मैं और भी नामाक़ूल हो गई।
लेकिन अब जो भी हूँ —
सच हूँ, आग हूँ, और
तुम्हारे जैसे किसी next ‘cool dude’ के लिए
unavailable हूँ।

The Flower of Word by Vedvyas Mishra
The novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra



The Flower of Word by Vedvyas Mishra




