ब्रह्मांड एक अद्भुत कलाकार
रचनात्मक सृष्टि की अदभुत रचना
एक प्रकृति और दूसरा मानव
विचित्र कला कौशल है सब में
प्रकृति की सुन्दरता मनमोहक
कल-कल करतीं नदियाँ,
झर-झर करते झरने
पर्वत आसमाँ को चूमें
तो सूरज,चंदा
आसमाँ के दीपक बन चमकें
पवन सुरों का साज़ सजाए
वर्षा से धरती हर्षाय..
मानव की सुन्दरता कुछ ऐसी
करुणा को कला का आधार बनाती
भावनाएँ जिनकी नदियाँ,
अश्रु जिनके झरनें
अस्तित्व उनका आसमाँ से भी ऊँचा
मन व बुद्धि दीपक जिनके
वाणी उनको खूब सजाए
भक्ति,मुक्ति,अभिनय हो या हो
लेखन,खेल,जीविका
जैसी भावना डालें जिसमें ,
उतनी अपनी प्रतिभा चमकाएँ..
----वन्दना सूद
सर्वाधिकार अधीन है

The Flower of Word by Vedvyas Mishra
The novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra



The Flower of Word by Vedvyas Mishra




