सच और झूठ दोनों की जरूरत पहचान।
प्रयोग वक्त के हिसाब कर नही नुकसान।।
गले मिलने की आदत भाई-चारा बढ़ाती।
प्यार मोहब्बत में रहने से सभी की शान।।
तुम रूठे तो मेरी दुनिया में अँधेरा छाया।
पहले अजीब लगा फिर खो गया सुकून।।
अब तो हर तरफ तुम्हीं तुम नजर आते।
मेरे लिए तुम अहम बहुत लोग अनजान।
आईना देखोगे तुम तब समझ जाओगे।
वक्त पर जाना 'उपदेश' मददगार जान।।
- उपदेश कुमार शाक्यावार 'उपदेश'
गाजियाबाद