छाता
कड़ी धूप व बारीस ज्यादा,
हाथों हाथ दिखे तब छाता।
टूटा सा या नया-नया सा,
दिख जाता हाथों सब छाता।
प्यारे रंगों वाला छाता,
लाल बैंगनी काला छाता।
पीले नीले हरे रंग में,
अजब-गजब का आला छाता।
बड़ा -बड़ा या बहुत बड़ा सा,
छोटा छाता मझला छाता।
सभी हाथ या सर पे सबके,
मर्दाना या अबला छाता ।
वर्षा हो या कड़क धूप हो,
जब मन ना हो बाहर जाना।
तब छाता के बल मन करता
घर से बाहर आना-जाना ।
अगर कहीं हो मुंह छुपाना ,
मददगार छाता हो जाता ।
कई गुणों से भरा हुआ यह,
समय-समय पर है बतलाता।
-प्यासा