दादाजी की कहानियां
शिवानी जैन एडवोकेटbyss
दादाजी की वो बातें, आज भी याद आती हैं,
उनकी कहानियों में, हम खो जाते थे।
परियों और राजाओं की, दुनिया सजाती थीं,
हर शाम उनके पास, हम दौड़े चले आते थे।
उनकी आवाज में जादू, शब्दों में मिठास थी,
हर कहानी में कोई, सीख छिपी खास थी।
कभी भूतों की बात, कभी शेरों का शिकार,
सुनते-सुनते हम जाते, सपनों के उस पार।
उनका चश्मा, उनकी सफेद दाढ़ी,
हर बात में थी एक सीख निराली।
ज्ञान का सागर, वो ज्ञान बांटते थे,
छोटे-छोटे बच्चों को, राह दिखाते थे।
अब नहीं हैं वो, पर यादें उनकी हैं,
हर कहानी में उनकी, बातें गूंजती हैं।
बचपन का वो कोना, जहां सुकून मिलता था,
दादाजी के साथ ही, वो भी चला गया।