आंखों में बने झरोखे से
शायद तुमने मुझे देखा हो,
पांव मेरी रूक गई
चलते चलते
जब, तुम्हारी
गली से गुजरा
शायद तुमने
गहरी सांसें लीं हो
एक मीठी सी
सरसराती गीत
मेरे कानों को
छूकर चली गई
जब, तुम्हारी
गली से गुजरा
एक धीमी धीमी
छन, छन, छन
और पांवों की आहट ने
दिल को छुआ
शायद तुमने
छोटी नींद से जागा हो
और,
जमीं पर पांव रखा हो
आहिस्ता-आहिस्ता,
जब मैं
तुम्हारी गली से गुजरा।
सर्वाधिकार अधीन है