कविता : तौल....
हर तरफ ही
हड़बड़ है
ये दुनिया में सब
गड़बड़ है
यहां पर सम्भल
सम्भल कर चला करो
फिर यहां पर तौल
तौल कर बोला करो
यही एक तरीका
और कायदा है
हर किसी को
इसी में फायदा है
हर किसी को
इसी में फायदा है.......
netra prasad gautam