क्या पाया क्या हासिल हुआ
कभी इसका हिसाब लगाना
जीवन की राहों में थोड़ा दिमाग दौड़ाना ।
सब मिले देने वाले पर क्या मिला
थोड़ा ये भी बताना।
मां बाप मिले
उन्होंने भी अपनी होने का आभाष कराया।
दोस्ती यार मोहब्बत प्यार सबने
अपना अपना गिनवाया...
की मैने तुम्हारे लिए ये किया
मैने तुम्हारे लिए वो किया
और तुमने हमारे लिए क्या किया ?
सोचों ज़रा ठहरो ज़रा संभल के
ठंडी सांस लो हल्की आहें भर के
याद करो तुम झूठ प्रपंच रच
इनके लिए कमाया
प्यार यार मोहब्बत परिवार के लिए
अपना ईमान भी गंवाया।
और बदले में इन लोगों से सिर्फ
तुमने ताना उलेहना ही पाया।
सोचों ज़रा क्या इन्हीं लोगों के लिए
पाप का राह अपनाया !
और पाप की कमाई सबने खा कर
सबने तुझे हीं पापी बताया।
बस तुमने यही पाया।
अफ़सोस फिर भी ना समझ आया
छोड़ कर उस खुदा को बस मतलाबियो संग
दिल लगाया और
अंत समय सब छोड़ गए तुझे
अंततः खुद को तू अकेला पाया..
अंततः खुद को तू अकेला पाया...