जबसे मिलने लगे आपसे हम,
ज़िन्दगी रास आने लगी है !!
हो जबसे निगाहों में आये सनम,
बन्दगी सुर सजाने लगी है !!
अलबेला मौसम आया अगर,
मानिये तो वजह आप हैं !!
साँसों के हर क़तारों में फूल,
मोंगरे की खिलाने लगी है !!
राहें सभी लगने लगीं,
आसान आपके आते ही !!
दिन में होली रात दीवाली,
मौसम कजरी सुनाने लगी है !!
- वेदव्यास मिश्र की परपल 💜कलम से..
सर्वाधिकार अधीन है

The Flower of Word by Vedvyas Mishra
The novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra



The Flower of Word by Vedvyas Mishra




