तुम आ रहे हो क्या,
....तुम्हारा इंतज़ार करूँ,
या पलके बिछाउं,
....या सुबह का इंतज़ार करू,
बहुत बेबस था मैं तुम बिन अब तक,
....क्या तुम्हारी बात का विश्वास करूँ,(2)
तुम आ रहे हो क्या,
....क्या तुम्हारा इंतज़ार करुँ,
बहुत दिन तड़पा तुम बिन,
....क्या अब तुम्हारी बातों का ऐतबार करूं,
जागू सारी रात या सो जाउं,
....केसे ख़ुशी का इज़हार करूँ,(2)
तुम आ रहे हो क्या,
....क्या तुम्हारा इंतज़ार करुँ,
....क्या तुम्हारा इंतज़ार करुँ,
कवि राजू वर्मा
सर्वाधिकार अधीन है