ना करना विश्वास कही पर भी आजकल
नमक-हलाली के यहां प्रकार बहोत हे
ऐहतियात बरतना इस संसार में
बैमानो की तलवार की यहां धार बहोत हे
हमसे पूछे बगैर दिल न लगाना कीसीसे
दर्द देनेवालो की यहां कगार बहोत हे
गीर ने ना देना पानी आंखो के झरोखो से
इसमें समंदर की तरह खार बहोत हे
के बी सोपारीवाला