गुरुपूर्णिमा का खास पर्व (माँ की गोद से गुरु के सानिध्य तक)
गुरुपूर्णिमा का पर्व खास आया
गुरु चरणों की रज कोमल और अमृतमय
छू कर उन्हें अपने जीवन की राहें आसान कर लेना
पर अपनी “माँ “के चरणों को छूना न भूल जाना
जो तुम्हारे पहले कदम को राह दिखाने वाली तुम्हारी पहली गुरु बनी..
गुरुपूर्णिमा का पर्व खास आया
गुरु के चरणों की वन्दना करना
उनके सद्गुणों को धारण कर अपनी अज्ञानता दूर कर लेना
पर अपनी “माँ “ के चरणों की वन्दना करना न भूल जाना
जो तुम्हारे अवगुणों को गुणों में बदलने वाली तुम्हारी पहली गुरु बनी..
गुरुपूर्णिमा का पर्व खास आया
गुरु के चरणों को चलता फिरता तीर्थ जानना
उस जल की धारा में डुबकी लगा अपने दोषों को दूर कर लेना
पर अपनी “माँ “ के चरणों को त्रिवेणी रूप मान उन्हें पखारना न भूल जाना
जो तुम्हारे दोषों को ढक कर जगत में तुम्हें वन्दनीय बनाने वाली तुम्हारी पहली गुरु बनी..
वन्दना सूद
सर्वाधिकार अधीन है

The Flower of Word by Vedvyas Mishra
The novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra



The Flower of Word by Vedvyas Mishra




