तुझमें, मुझमें, किस में देश?
कब, किसने, कहाँ देखा देश?
सब कहते जिसके बारे में,
किस के घर से बड़ा है देश ?
गरीब का घर, गरीब का देश,
अमीर का महल, अमीर का देश,
सिवाय घर के, कहीं और भी है
घरों में गुम होता देश
भूखा प्यासा रहकर भी देश,
तेरा मेरा सबका पेट भरता देश,
बदल कर भेष कहता है बेशक
मगर कोई भहरुया नहीं है देश
अगर है दिल में तेरे सच में देश,
दे दौलत अपनी संकट में है देश,
देता है अगर जान कोई भी यहाँ
चाहता है जान की कीमत दे देश
दिया क्या इसको, हमारा है देश,
तिजोरी भरते रहे कहते रहे देश,
कभी तो जाग हालत इसकी देख,
बड़ी तंगहाली से गुजरता ये देश