""मस्त रे मन""
मस्त रे मन मस्त रे मन
हो गगन उड़ जा गगन
लिए नयी लगन
मस्त रे मन मस्त रे मन
उड़ जा गगन
लिए नयी लगन लिए नयी लगन
छोड़ दे उसको जो गया विगत
जैसें आज ने छोड़ा कल का वसन
मस्त रे मन मस्त रे मन
उड़ जा गगन उड़ जा गगन
भोर है कुछ नवल
नैनों के खोल कंवल
पंख फैलाए उड़ जा
गगन के क्षितिज तलक
मस्त रे मन हो मगन
उड़ जा गगन लिए नयी लगन
मस्त रे मन देख ये कण
कण बना माटी माटी बनी कण
लिए धरा गगन अरू नग
मस्त रे मन मस्त रे मस्त रे मन
हो मगन उड़ जा गगन लिए नयी लगन