पीड़ा जबभी अहेसास होती हे
लिखने को शायरी पास होती हे
कभी आपका भी वक़्त आयेंगा
जब चहेरे पर शिकन होती हे
दोस्ती हम जिसे समझने लगे
उसमे भी जिम्मेदारी होती हे
मजा आया नहीं उन दुकानों पर
कलम खुद बे-मिशाल होती हे
लिखते रहे मालीक का करम हे
जिंदगी युतो गम-गुसार होती हे
के बी सोपारीवाला