कापी राइट गीत
अपना सफर तो अधूरा सफर है
मगर जिन्दगी ये बङी मुक्तसर है
लगती है तुम को ये मेरी कहानी
कहानी, तुम्हारी, इस में मगर है
हमको मिली हैं अधूरी सी खुशियां
रौशन कहां है ये अन्धेरी सी दुनियां
किस को, खबर है, इन रास्तों की
मुश्किल ये कितनी मेरी डगर है
लगती है तुमको .....................
अधूरी हैं बातें, ये गजल हैं अधूरी
अधूरे, हैं नगमें, ये शमां है अधूरी
मैं शायर कहां था इस जिन्दगी में
तुम्हारी, दुआओं का, ये असर है
लगती है तुमको ....................
ये महफिल अधूरी है तुम्हारे बिना
हैं अधूरी ये खुशियां, तुम्हारे बिना
हमारे लिए तो है ये दवा शायरी
मगर शायरों को कहां ये खबर है
लगती है तुमको....................
करेंगे उसी दिन गजल अपनी पूरी
जिस, दिन न होगी, कोई मजबूरी
नजरें, न फेरो यह, हम जानते हैं
हमारी गजल पर तुम्हारी नजर है
लगती है तुमको.....................
- लेखराम यादव
( मौलिक रचना )
सर्वाधिकार अधीन है

The Flower of Word by Vedvyas Mishra
The novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra



The Flower of Word by Vedvyas Mishra




