ज़िंदगी मेरी, तुम्हारी यादों से ही चलती है,
ज़िंदगी मेरी, तुम्हारी यादों से ही चलती है,
तभी तो अक्सर रातें भी मेरी,
तुम्हारी यादों में कटा करती हैं।
कल की रात के बारे में ही सुनों मुझसे,
यादों में तेरी कब सवेरा हुआ ये पता ना चला मुझे
ज़िंदगी मेरी, तुम्हारी यादों से ही चलती है,
तभी तो अक्सर रातें भी मेरी,
तुम्हारी यादों में कटा करती हैं......
रातें ये मेरी तन्हा होती थी पर ये तन्हा भी ना होती थी, रातें ये मेरी तन्हा होती थी पर ये तन्हा थी ना होती थी, तेरी यादें जो रातों में संग मेरे हुआ करती थी।
एक बेतहाशा सुकून मिलता था इन रातों में,
तू यादों में ही सही पर पास जो मेरे हुआ करती थी
रातें ये मेरी तन्हा होती थी पर तन्हा भी ना होती थी, तेरी यादें जो रातों में संग मेरे हुआ करती थी.......
दिन तो दिन पर रातों में भी यादों का सफर
कुछ यूं रहता है हरदम मेरे संग,
दिन तो दिन पर रातों में भी यादों का सफ़र,
कुछ यूं रहता है हरदम मेरे संग,
जैसे रहती है चाॅंद के संग चाॅंदनी हरदम।
यादों के मंज़र सुहा रहे हैं,
तन्हा जो रातें है मेरी,इसीलिए ये मुझे बहुत भा रहे हैं, दिन तो दिन पर रातों में भी यादों का सफ़र,
कुछ यूं रहता है हरदम मेरे संग,
जैसे रहती है चाॅंद के संग चाॅंदनी हरदम........
कुछ ना मिले ज़िंदगी में कोई ग़म नहीं,
कुछ ना मिले ज़िंदगी में कोई ग़म नहीं,
तेरी यादें मेरे संग होना किसी से कम नहीं।
यादों का ही तो ज़माना है,
फिर इनके बिना जीना भी क्या जीना है,
कुछ ना मिले ज़िंदगी में कोई ग़म नहीं
तेरी यादें मेरे संग होना किसी से कम नहीं.......
- रीना कुमारी प्रजापत