New रचनाकारों के अनुरोध पर डुप्लीकेट रचना को हटाने के लिए डैशबोर्ड में अनपब्लिश एवं पब्लिश बटन के साथ साथ रचना में त्रुटि सुधार करने के लिए रचना को एडिट करने का फीचर जोड़ा गया है|
पटल में सुधार सम्बंधित आपके विचार सादर आमंत्रित हैं, आपके विचार पटल को सहजता पूर्ण उपयोगिता में सार्थक होते हैं|

Show your love with any amount — Keep Likhantu.com free, ad-free, and community-driven.

Show your love with any amount — Keep Likhantu.com free, ad-free, and community-driven.



The Flower of WordThe Flower of Word by Vedvyas Mishra

कविता की खुँटी

        

New रचनाकारों के अनुरोध पर डुप्लीकेट रचना को हटाने के लिए डैशबोर्ड में अनपब्लिश एवं पब्लिश बटन के साथ साथ रचना में त्रुटि सुधार करने के लिए रचना को एडिट करने का फीचर जोड़ा गया है|
पटल में सुधार सम्बंधित आपके विचार सादर आमंत्रित हैं, आपके विचार पटल को सहजता पूर्ण उपयोगिता में सार्थक होते हैं|

The Flower of Word by Vedvyas MishraThe Flower of Word by Vedvyas Mishra
Show your love with any amount — Keep Likhantu.com free, ad-free, and community-driven.

Show your love with any amount — Keep Likhantu.com free, ad-free, and community-driven.

Dastan-E-Shayra By Reena Kumari PrajapatDastan-E-Shayra By Reena Kumari Prajapat

कविता की खुँटी

                    

तेरी यादें

ज़िंदगी मेरी, तुम्हारी यादों से ही चलती है,
ज़िंदगी मेरी, तुम्हारी यादों से ही चलती है,
तभी तो अक्सर रातें भी मेरी,
तुम्हारी यादों में कटा करती हैं।

कल की रात के बारे में ही सुनों मुझसे,
यादों में तेरी कब सवेरा हुआ ये पता ना चला मुझे
ज़िंदगी मेरी, तुम्हारी यादों से ही चलती है,
तभी तो अक्सर रातें भी मेरी,
तुम्हारी यादों में कटा करती हैं......

रातें ये मेरी तन्हा होती थी पर ये तन्हा भी ना होती थी, रातें ये मेरी तन्हा होती थी पर ये तन्हा थी ना होती थी, तेरी यादें जो रातों में संग मेरे हुआ करती थी।

एक बेतहाशा सुकून मिलता था इन रातों में,
तू यादों में ही सही पर पास जो मेरे हुआ करती थी

रातें ये मेरी तन्हा होती थी पर तन्हा भी ना होती थी, तेरी यादें जो रातों में संग मेरे हुआ करती थी.......

दिन तो दिन पर रातों में भी यादों का सफर
कुछ यूं रहता है हरदम मेरे संग,
दिन तो दिन पर रातों में भी यादों का सफ़र,
कुछ यूं रहता है हरदम मेरे संग,
जैसे रहती है चाॅंद के संग चाॅंदनी हरदम।

यादों के मंज़र सुहा रहे हैं,
तन्हा जो रातें है मेरी,इसीलिए ये मुझे बहुत भा रहे हैं, दिन तो दिन पर रातों में भी यादों का सफ़र,
कुछ यूं रहता है हरदम मेरे संग,
जैसे रहती है चाॅंद के संग चाॅंदनी हरदम........

कुछ ना मिले ज़िंदगी में कोई ग़म नहीं,
कुछ ना मिले ज़िंदगी में कोई ग़म नहीं,
तेरी यादें मेरे संग होना किसी से कम नहीं।

यादों का ही तो ज़माना है,
फिर इनके बिना जीना भी क्या जीना है,
कुछ ना मिले ज़िंदगी में कोई ग़म नहीं
तेरी यादें मेरे संग होना किसी से कम नहीं.......

- रीना कुमारी प्रजापत




समीक्षा छोड़ने के लिए कृपया पहले रजिस्टर या लॉगिन करें

रचना के बारे में पाठकों की समीक्षाएं (4)

+

अशोक कुमार पचौरी 'आर्द्र' said

Suprabhat Reena mam ek aur adbhut prastuti Bahut khoob... Main to likhna bhi bhul gaya ab bus padhne mein aanand aata hai...kosis karunga dobara se kuchh likhane ki 🙏🙏

रीना कुमारी प्रजापत replied

Thanku so much Bhai, waise hame intzaar hai apki nayi rachna ka kuch to likhiye

Kapil Kumar said

Bahut sundar sbdo ka chayan ..

रीना कुमारी प्रजापत replied

धन्यवाद!

Amit Shrivastav said

Bahut khoob likha adhbhut bahut achha likhti hain aap

रीना कुमारी प्रजापत replied

बहुत बहुत शुक्रिया आपका, मेरी कविता पढ़ने और तारीफ़ के लिए 🙏

रमेश चंद्र said

अति सुंदर

कविताएं - शायरी - ग़ज़ल श्रेणी में अन्य रचनाऐं




लिखन्तु डॉट कॉम देगा आपको और आपकी रचनाओं को एक नया मुकाम - आप कविता, ग़ज़ल, शायरी, श्लोक, संस्कृत गीत, वास्तविक कहानियां, काल्पनिक कहानियां, कॉमिक्स, हाइकू कविता इत्यादि को हिंदी, संस्कृत, बांग्ला, उर्दू, इंग्लिश, सिंधी या अन्य किसी भाषा में भी likhantuofficial@gmail.com पर भेज सकते हैं।


लिखते रहिये, पढ़ते रहिये - लिखन्तु डॉट कॉम


© 2017 - 2025 लिखन्तु डॉट कॉम
Designed, Developed, Maintained & Powered By HTTPS://LETSWRITE.IN
Verified by:
Verified by Scam Adviser
   
Support Our Investors ABOUT US Feedback & Business रचना भेजें रजिस्टर लॉगिन