इंसान का नया रूप
डॉ. एच सी विपिन कुमार जैन "विख्यात"
इंसान तो अब शैतान हो गया,
लगता है भगवान से अनजान हो गया।
पूजा-पाठ करे, पर मन में खोट,
धर्म का ढोंग, और अंदर है चोट।
अंकी, इंकी, डंकी लाल हैं घोटालेबाज़,
हर दिन बजाते, अपना एक नया साज।
आज नया घोटाला, कल नया ड्रामा,
जीवन इनका, है एक सिनेमा।
खुद को समझते, सबसे ऊपर,
करते फिरें, पापों का सफर।
गरीबों को लूटना, इनका काम,
नाम रोशन करना, इनका नाम।
अरे ओ भक्तों, ज़रा आँखें खोलो,
सच्चाई को देखो, अब तो बोलो।
ये भगवान से दूर, शैतान के चेले,
करते हैं बस, अपने ही मेले।

The Flower of Word by Vedvyas Mishra
The novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra



The Flower of Word by Vedvyas Mishra




