तेरी हर प्रार्थना में
शिवानी जैन एडवोकेटbyss
तेरी हर प्रार्थना में है बल ऐसा,
जो हर विपदा को कर दे कैसा।
तेरा स्नेह ही मेरा कवच है,
हर संकट से ये मुझे बचावे है।
तू ही मेरी नींव, तू ही आधार,
तेरे आशीष से ही जीवन में सार।
तेरी ममता का आँचल घना,
जिसमें मिलता है सुकून घना।
तेरी हर वाणी में अमृत रस,
जो हर लेता है जीवन का हर कस।
तू ही मेरी ज्योति, तू ही प्रकाश,
तेरे आशीर्वाद से ही जीवन विकास।