लेने की लालच हे तभी तो दहेज़ देते हो
फिर अपनी बेटी को जिंदा जलवाते हो
इसे बदलना होगा आज के वक्त में सभी को
बेटी उसकी हो या अपनी क्यों लाचार बनाते हो
इस लालच के रावण को तुम्हे जिंदा जलाना होगा
जो अब काम के नहीं रिवाज उसे मार भगाना होगा
वकत आजभी ये कहता हे तुम सब जाग जाओ
पीछे आनेवाली नस्लों को रिवाजो से मुक्ति दिलाओ
ईश्वर भी तुम्हे माफ़ नहीं करेंगा सब युही चलता रहा
फीर समजलो वो कभी तुहे लक्षमी जैसी बेटी नहीं देगा
के बी सोपारीवाला