सफ़र दर सफ़र चाहते हैं आपको,
शहर दर शहर खोजते हैं आपको !!
नज़र ये पड़ी है जब से आप पर ,
नहीं भूल पाये हैं कभी भी आपको !!
चाहत का रंग कुछ गुलाब जैसा है,
खुशबूएँ हैं ऐसी कभी मिटती नहीं !!
नशा ये आपका ...शराब जैसा है,
होश में भी हैं और होश में नहीं !!
बसर दर बसर माँगते हैं आपको,
दिलो-जान से चाहते हैं आपको !!
जो पास होते हो कुछ कहा नहीं जाता,
जो दूर जाते हो ग़म सहा नहीं जाता !!
बिछड़के आपसे तड़प जाते हैं हम,
कैसे बतायें क्या-क्या जतन किये हैं हम !!
इधर से उधर ढूँढ़ते हैं आपको,
ज़िगर दर ज़िगर माँगते हैं आपको !!
सर्वाधिकार अधीन है