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The Flower of WordThe Flower of Word by Vedvyas Mishra The Flower of WordThe novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra

कविता की खुँटी

        

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The Flower of Word by Vedvyas MishraThe Flower of Word by Vedvyas Mishra
Dastan-E-Shayara By Reena Kumari Prajapat

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The novel 'Nevla' (The Mongoose), written by Vedvyas Mishra, presents a fierce character—Mangus Mama (Uncle Mongoose)—to highlight that the root cause of crime lies in the lack of willpower to properly uphold moral, judicial, and political systems...The novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra

कविता की खुँटी

                    

सफ़र दर सफ़र चाहते हैं आपको - आशिक़ाना गीत - वेदव्यास मिश्र

सफ़र दर सफ़र चाहते हैं आपको,
शहर दर शहर खोजते हैं आपको !!
नज़र ये पड़ी है जब से आप पर ,
नहीं भूल पाये हैं कभी भी आपको !!

चाहत का रंग कुछ गुलाब जैसा है,
खुशबूएँ हैं ऐसी कभी मिटती नहीं !!
नशा ये आपका ...शराब जैसा है,
होश में भी हैं और होश में नहीं !!
बसर दर बसर माँगते हैं आपको,
दिलो-जान से चाहते हैं आपको !!

जो पास होते हो कुछ कहा नहीं जाता,
जो दूर जाते हो ग़म सहा नहीं जाता !!
बिछड़के आपसे तड़प जाते हैं हम,
कैसे बतायें क्या-क्या जतन किये हैं हम !!
इधर से उधर ढूँढ़ते हैं आपको,
ज़िगर दर ज़िगर माँगते हैं आपको !!


यह रचना, रचनाकार के
सर्वाधिकार अधीन है


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रचना के बारे में पाठकों की समीक्षाएं (8)

+

रीना कुमारी प्रजापत said

वाह! बहुत बहुत बहुत ही खूबसूरत रचना, अब तारीफ़ में इससे ज़्यादा कुछ कह ही नहीं सकती इतनी सुंदर रचना है कि अल्फ़ाज़ नहीं बचे... अपनी छोटी बहन का प्रणाम स्वीकार करें

ताज मोहम्मद said

सफ़र दर सफ़र चाहते हैं आपको, बहुत ही सुंदर लाइन। बहुत ही उम्दा श्रीमान जी।

अशोक कुमार पचौरी 'आर्द्र' said

होश में भी हैं और होश में नहीं,,Bahut Khoob Bahut sundar Geet, Pranam sweekar karein Acharya Ji

फ़िज़ा said

Bahut khoob Uttam rachna✍️✍️

वेदव्यास मिश्र said

रीना कुमारी प्रजापत जी , शुभाशीष मेरी छोटी बहन !! मैं भी नि:शब्द हूँ..और इन्सान नि: शब्द तभी होता है जब शब्द यक़ीनन कम पड़ जाते हैं और भावनाओं के तार से हम जुड़ जाते हैं !! ईश्वर से विनती है,ये भावनायें कभी भी कम न पड़ें..भले ही शब्द कम पड़ जायें !!

वेदव्यास मिश्र said

ताज मोहम्मद जी, आपकी उपस्थिति मुझे गौरवान्वित कर रही है भाई साहब !! आभार सहृदय आदाब 🙏💜💜🙏

वेदव्यास मिश्र said

अशोक कुमार पचौरी 'आर्द्र जी, शुभाशीष नमन मेरे प्रिय बन्धु !! आभार सहृदय !!

वेदव्यास मिश्र said

फ़िज़ा जी, आदाब नमन आभार !! इस रचना को आपका प्यार मिल गया मतलब मैं धन्य हो गया 🙏🙏

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