जीवन का किसी भी रूप में
निरादर न किया जाये
प्रतिकूल परिस्थितियों को प्रयासों से
अनुकूल किया जाये
व्यवहार को शालीनता का
एक आधार दिया जाये
विचारों को पावन सा
चित्त को शुद्ध किया जाये
धैर्य, गम्भीरता से हर कार्य
सम्पन्न किया जाये
क्रोध में आकर कभी
कोई निर्णय न लिया जाये
आज को हर हाल में
स्वीकार किया जाये
जो छूट गया कल में
उसे छोड़ दिया जाये
डाॅ फ़ौज़िया नसीम शाद