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The Flower of WordThe Flower of Word by Vedvyas Mishra The Flower of WordThe novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra

कविता की खुँटी

        

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The Flower of Word by Vedvyas MishraThe Flower of Word by Vedvyas Mishra
Dastan-E-Shayara By Reena Kumari Prajapat

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The novel 'Nevla' (The Mongoose), written by Vedvyas Mishra, presents a fierce character—Mangus Mama (Uncle Mongoose)—to highlight that the root cause of crime lies in the lack of willpower to properly uphold moral, judicial, and political systems...The novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra

कविता की खुँटी

                    

शरद ऋतु आई

धूप की उमस गयी, पावस बरस‌‌‌ गयी
बूंदों की रस गयी, शरद ऋतु आई
सुबह सरस भयी, घटाएं नीरस भयी
आलस तमस गयी, शरद ऋतु आई

ओंस की चमक नयी, हीरे सा दमक नयी
किरणों की झलक नयी, शरद ऋतु आई
भोर भोर महक नयी, सांझ सांझ चहक नयी
कोयल की कुहक नयी, शरद ऋतु आई

पकी धान बालियां, सधी पुष्प डालियां
सूखी सभी गलियां,शरद ऋतु आई
खिली कलियां कलियां, झुंड झुंड तितलियां
बढ़ी रंगरलियां,शरद ऋतु आई

उद्यत किसान सब,मुख में मुस्कान अब
सज रहे खलिहान सब,शरद ऋतु आई
गुले आसमान अब,पुत रहें मकान सब
सजे धजे दुकान सब,शरद ऋतु आई।।


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सर्वाधिकार अधीन है


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रचना के बारे में पाठकों की समीक्षाएं (9)

+

Lekhram Yadav said

अच्छा हमें तो मालूम ही नहीं कि शरद ऋतु अपनेपन लावारिस लश्कर के साथ पधार रही है, याद दिलाने के लिए आपका बहुत-बहुत हार्दिक धन्यवाद एवं सादर नमस्कार।

शिवचरण दास said

साथ अपने समदिल मनोज ला रही है
संभल जाओ कवियों शरद आ रही है

श्रेयसी said

वाह-वाह बहुत सुंदर रचना 🙏🙏

वन्दना सूद said

बहुत सुंदर रचना sir 👌👌👏👏सजे धजे दुकान सब,शरद ऋतु आई

रीना कुमारी प्रजापत said

Waah aaj pata chala ki shard ritu kitni khubsurat hai....ek ek lafz ne ek naya sukun dene wala drishya bana diya aankhon ke aage.... Waah🙏🙏

सरिता पाठक said

बहुत ही सुन्दर ढंग से शरद ऋतु के आगमन काचित्रित किया आदरणीय सर जी आपने, शानदार आदरणीय सर जी को सादर नमस्कार 👌👌🙏🙏

आलम-ए-ग़ज़ल - परवेज़ अहमद said

वाह! बहुत ही सुन्दर रचना शरद ऋतु पर! क्या बात है, मनोज जी! क़ाबिल-ए-तारीफ़ कलाम! तालियाॅं! तालियाॅं! आदाब मनोज जी! 👌👌👏👏❤️🙏

मनोज कुमार सोनवानी "समदिल" said

आप सभी को सादर प्रणाम करता हूं 🙏🌹
मेरी रचना का इतना गहरा विश्लेषण और प्रतिक्रिया से एक आशीर्वाद मिल जाता है, इतना सम्मान और अपनेपन के लिए हृदय से धन्यवाद आभार 🙏🌹

सुभाष कुमार यादव said

बहुत सुंदर रचना। क्या सुंदर चित्रण किया है आपने शरद ऋतु का। 👌👌🙏🙏

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