कविता : रसोई में....
रोटी पकी न हो कच्ची हो
बिल्कुल भी न अच्छी हो
प्लेट में चमक न हो
सब्जी में नमक न हो
सब कुछ टेड़ा मेड़ा हो
दाल काला और डढा हो
कुकर भी न ढका हो
चावल भी न पका हो
फिर तो खाने में न स्वाद है
सारा का सारा बरबाद है
सारा का सारा बरबाद है.......
netra prasad gautam